पूरी दुनिया जिस रैन्समवेयर साइबर अटैक से जूझ रही है उसी रैन्समवेयर को 23 साल के एक युवा ने चुनौती दे रखी है। सिटी क्राइम ब्रान्च में साइबर सेल के साथ काम करने वाले हर्षद पटेल अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं।
पिछले 72 घंटों में पटेल ने सरकार और पुलिस कंप्यूटरों में रैन्समवेयर हमले से प्रभावित 40 प्रतिशत डेटा अनलॉक कर साबित कर दिखाया है कि भारत के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। पटेल को मिल रही असाधारण सफलता से क्राइम ब्रान्च के अधिकारी भी बहुत प्रभावित हैं।
क्राइम ब्रान्च के डीसीपी दीपन भद्रन ने बताया कि करीब 130 सरकारी कंप्यूटर रैन्समवेयर हमले का शिकार हुए थे, जिसमें कुछ अति महत्वपूर्ण सरकारी और पुलिस डेटा भी था। भद्रन ने बताया कि हमने यह टास्क पटेल को दिया जो डिजिटल फरेंसिक में एमएस है। पटेल ने डेटा अनलॉक करने में काफी हद तक सफलता हासिल कर ली है।
इस तरह से हासिल की डिलीट हुई फाइलें
रैन्समवेयर हमले के बारे में पटेल ने कहा कि इस हमले में पहले तो आपका सारा डेटा कंप्यूटर में कॉपी कर के इनक्रिप्ट करके ऑरिजनल डेटा डिलीट कर देता है। जो लोग इससे प्रभावित होते हैं उन्हें रैन्सम देना ही पड़ता है।
पटेल ने बताया कि साइबर फरेंसिक को अगर ध्यान से समझा जाए तो हम वानाक्रिप्ट के ऑपरेशंस की पहचान कर सकते हैं। पटेल ने कहा कि हमने एक मॉडल बनाया और रैन्समवेयर की टेस्टिंग की। हम डिलीट हुए ऑरिजनल डेटा को अनलॉक करने में कामयाब रहे।
Source : IndiaWave
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