वैसे तो समाज में महिलाओं को पुरूषों के बराबर दर्जा देने की समानता की बाते होती हैं। नारी सशक्तिकरण की बात की जाती है, विवाह दहेज के खिलाफ आवाज उठाई जाती है, लेकिन आपको बता दें एक जगह ऐसी भी है जहां दहेज तो क्या दुल्हन भी खरीदी जाती है। आपने बाज़ार में सामान बिकता हुआ तो देखा होगा, लेकिन क्या कभी दुल्हनें बिकती हुई देखी हैं। आज हम आपको एक ऐसे अनोख़े बाज़ार के बारे में बता रहे है जहां दुल्हनें बिकती है वो भी वैध तरीके से।
शायद इस बात पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन बुल्गारिया में स्टारा जागोर नाम की जगह पर हर तीन साल में एक बार दुल्हनों का बाज़ार सजता है और कोई यहां अपने मनपसंद की दुल्हनें खरीद सकता है।
स्टारा जागोर में यहां मेले के दिन आकर दूल्हा अपनी पसंद की दुल्हन खरीदकर उसे अपनी पत्नी बना सकता है जो की पूर्ण रूप से वैध होता है। दरअसल यह मेला ऐसे गरीब परिवारों द्वारा लगाया जाता है, जिनके आर्थिक हालात ऐसे नहीं है कि वे बेटी की शादी का खर्च उठा सकें, इसलिए वो ऐसा करते हैं।
दुल्हनों के इस बाजार में लड़कियों को दुल्हन की पोशाक में सजाकर ले जाया जाता है और इनको सजा-धजा कर तैयार करने वाले इनके घर वाले ही होते हैं। बिकने वाली दुल्हनों में लगभग हर उम्र की लड़कियां-महिलाएं शामिल होती हैं। दुल्हन खरीदने के लिए अक्सर लड़के के साथ उसके परिवार वाले भी पहुंचते हैं। दूल्हा पहले अपनी मनपसंद लड़की चुनता है और फिर उसे उससे बात करने का मौका दिया जाता है।
जब लड़की पसंद आ जाती है, तो लड़का उसे अपनी पत्नी स्वीकार कर लेता है और लड़की के परिवार वालों को तय रकम देता है। दुल्हन खरीदने का चलन गरीब परिवारों में यहां कई सदीयों से चला आ रहा है। इस पर कानूनी रोक भी नहीं। यह बाजार बुल्गारिया के कलाइदझी समुदाय द्वारा लगाया जाता है।
आपको बता दें बाजार में वही परिवार होते हैं, जो अपनी लड़कियों की शादी करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर हैं। बाजार में लड़कियां अकेले नहीं आतीं। उनके साथ परिवार का कोई न कोई सदस्य जरूर होता है। आमतौर पर लड़के वाले दहेज लेते हैं, लेकिन यहां रिवाज उल्टा है। यहां लड़के को लड़की के परिवार को पैसे देने पड़ते हैं।
बाजार में लड़के को पसंद आई लड़की को उसके परिवारवालों को भी बहू मानना होता है। इस नियम का पालन सख्ती से होता है।
सबसे खास बात समुदाय के अलावा कोई बाहरी व्यक्ति दुल्हन नहीं खरीद सकता। अब ये रिवाज़ सही है या गलत ये तो आप ही जाने।
Post A Comment:
0 comments: