नए युग में प्रवेश करने के लिए किसी भी देश को नवाचार को बल देना होता है। क्योंकि बिना रिसर्च के विकास की सीढ़ी पर चढ़ना आसान काम नहीं है। पीएम मोदी ने जिस नए भारत के निर्माण का सपना देखा है। वह तभी पूरा होगा जब देश का हर नागरिक नई सोच व नए जोश के साथ आगे बढ़े। हालांकि न्यू इंडिया के निर्माण की दिशा में काम शुरू हो चुका है।
दुनिया के कई विकसित देशों ने बिना ड्राईवर के कार चलाने की तकनीकि के विकास की ओर कदम बढ़ा दिया है। जिसको देखते भारत में भी ड्रायवरलेस कार पर काम शुरू हो चुका है। इस क्षेत्र में हैदराबाद का अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईआईटी-एच) ड्राइवरलैस कार के कलपुर्जों पर काम कर रहा है। आईआईआईटी-एच के निदेशक पीजे नारायणन ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी रिसर्च टीम चालक विहीन कार के कलपुर्जों पर काम कर रही है।
दुनिया के कई देश इस दिशा में कर रहे काम
दुनिया के कई देश ड्राईवरलेस कार के निर्माण की तकनीक को विकसित कर रहे हैं। आईआईआईटी-एच के निदेशक पीजे नारायण ने आगे कहा कि यह एक ऐसी समस्या है जिस पर दुनिया का हर अच्छा समूह व्यावहारिक रूप से काम कर रहा है। चालक विहीन कार, हमारा लक्ष्य है। भारतीय सड़कों पर इस तरह की कार चलाना आसान नही है, फिर भी हमारा उद्देश्य इसके लिए तकनीक विकसित करना है। इससे आप दूसरी चीजों के बारे में बहुत कुछ सीखते हैं।
उकेरेगी सड़कों की तस्वीर
नारायणन ने कहा कि संस्थान सरकारी एजेंसियों को हैदराबाद में सड़कों की स्थिति पर डेटा प्रदान करने की परियोजना पर काम कर रहा है। इस परियोजना के तहत, कैमरे से लैस एक कार को सड़कों पर भेजे जाने और कैमरे द्वारा सड़कों की स्थिति के चित्र खींचने का प्रस्ताव है। जिससे इस रिसर्च को गति मिल सके। इस तरह अगर ये प्रयोग सफल होता है, तो दुनिया में भारत विश्व गुरू बनने की दिशा के एक कदम और आगे बढ़ा सकता है।
आधुनिक भारत में नवाचार जरूरी
केंद्र की मोदी सरकार का फोकस हमेशा से नवाचार पर रहा है, खासकर उन्नत तकनीक के विकास से देश के नागरिकों का जीवन बेहतर हो सकता है। जिसके लिए ऐसे कार्यक्रमों का होते रहना जरूरी है। इसके अलावा विश्व में अगर देश को तकनीक में खुद को सबसे ऊपर रखना है, तो उसके लिए भी देश में नवाचार को बढ़ावा देना जरूरी है।
Source : IndiaWave
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